
गांव का इतिहास
सारसा में आपका स्वागत है, यह कुरुक्षेत्र, हरियाणा का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध गाँव है। पवित्र शालिहोत्र तीर्थ के लिए प्रसिद्ध सारसा का प्रबंधन 1980 से महंत श्री चंद्रिका दास जी महाराज द्वारा किया जा रहा है। मान्यता है कि यक्ष सरस् ने युधिष्ठिर की परीक्षा यहीं ली थी, और उनकी बुद्धिमत्ता से उनके चारों भाई पुनर्जीवित हुए थे। इसी कथा से इस गाँव का ऐतिहासिक नाम पड़ा।
आज सारसा प्रशासनिक रूप से चार पट्टियों में विभाजित है— भोजू पट्टी, जस्सो पट्टी, धिंगर पट्टी और तिलाही पट्टी।
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